विरोध के बीच भाजपा का देशव्यापी जागरुकता अभियान, 10 दिन में 3 करोड़ परिवारों से संपर्क साधेगी



  • दिल्ली में जेपी नड्‌डा की अगुवाई में भाजपा की बैठक हुई, पार्टी ने सीएए के लिए जागरुकता अभियान की रणनीति बनाई

  • भाजपा देशभर में 250 स्थानों पर प्रेस ब्रीफिंग करेगी, 1000 रैलियां में शरणार्थियों की मदद ली जाएगी


 

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में विरोध हो रहा है। अब भाजपा ने लोगों को कानून में बदलाव की जानकारी देने के लिए व्यापक अभियान की रूपरेखा तय कर ली है। इसके लिए शनिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अगुआई में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष और जनता के विरोध पर मंथन हुआ। पार्टी ने 10 दिन में एक हजार से ज्यादा रैलियां निकालने और 3 करोड़ लोगों से संपर्क साधने का लक्ष्य रखा है।


भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने बताया कि संशोधित कानून के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए 10 दिन तक देशभर में अभियान चलेगा। इस दौरान भाजपा 250 स्थानों पर प्रेस ब्रीफिंग कर विपक्षी दलों का झूठ उजागर करेगी। जनता को नए कानून के प्रावधानों के बारे में समझाएंगे। रैलियों में दूसरे देशों से प्रताड़ित होकर आए शरणार्थियों को शामिल किया जाएगा।


क्या राजद-कांग्रेस प्रदर्शनों में हिंसा का समर्थन करती है: यादव 


भूपेंद्र यादव ने बिहार में नागरिकता कानून के खिलाफ शनिवार को राजद के बंद में हिंसक प्रदर्शन की निंदा की। उन्होंने पूछा- क्या राजद और कांग्रेस प्रदर्शन में हिंसा का समर्थन करती है‌? उन्होंने कहा कि पार्टी मानती है कि हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध, पारसी, सिख और अन्य धर्मों के लोगों भारत के नागरिक हैं। उन्हें गरिमा से रहने का अधिकार है। इस कानून से दूसरे देशों से प्रताड़ित होकर आए लोगों को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिलेगा।


नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी


नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले एक हफ्ते से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। अभी तक 18 राज्यों में विरोध हो चुका है। इन प्रदर्शनों की शुरुआत असम और पूर्वोत्तर के राज्यों से हुई। इसके बाद दिल्ली की जामिया और उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन हुए। पुलिस पर जामिया की लाइब्रेरी में घुसकर लाठी चलाने के आरोप लगे। धीरे-धीरे देश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए। पिछले तीन दिन से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हिंसा हो रही है। गुरुवार को वाम दलों और मुस्लिम संगठनों के बंद के बाद शुक्रवार को कई राज्यों में हिंसा हुई। शनिवार को आरजेडी ने बंद बुलाया।